बृहस्पति ग्रह के बारे में रोचक तथ्य /jupiter planet facts in hindi
बृहस्पति सूर्य से पांचवाँ और हमारे सौरमंडल का सबसे बड़ा ग्रह है। यह एक गैस दानव है जिसका द्रव्यमान सूर्य के हजारवें भाग के बराबर तथा सौरमंडल में मौजूद अन्य सात ग्रहों के कुल द्रव्यमान का ढाई गुना है। बृहस्पति को शनि, अरुण और वरुण के साथ एक गैसीय ग्रह के रूप में वर्गीकृत किया गया है। इन चारों ग्रहों को बाहरी ग्रहों के रूप में जाना जाता है।
यह ग्रह प्राचीन काल से ही खगोलविदों द्वारा जाना जाता रहा है[12] तथा यह अनेकों संस्कृतियों की पौराणिक कथाओं और धार्मिक विश्वासों के साथ जुड़ा हुआ था। रोमन सभ्यताने अपने देवता जुपिटर के नाम पर इसका नाम रखा था।[13]इसे जब पृथ्वी से देखा गया, बृहस्पति -2.94 के सापेक्ष कांतिमान तक पहुंच सकता है, छाया डालने लायक पर्याप्त उज्जवल,[14] जो इसे चन्द्रमा और शुक्र के बाद आसमान की औसत तृतीय सर्वाधिक चमकीली वस्तु बनाता है। (मंगल ग्रह अपनी कक्षा के कुछ बिंदुओं पर बृहस्पति की चमक से मेल खाता है)।
बृहस्पति एक चौथाई हीलियम द्रव्यमान के साथ मुख्य रूप से हाइड्रोजन से बना हुआ है और इसका भारी तत्वों से युक्त एक चट्टानी कोर हो सकता है।[15]अपने तेज घूर्णन के कारण बृहस्पति का आकार एक चपटा उपगोल (भूमध्य रेखा के पास चारों ओर एक मामूली लेकिन ध्यान देने योग्य उभार लिए हुए) है। इसके बाहरी वातावरण में विभिन्न अक्षांशों पर कई पृथक दृश्य पट्टियां नजर आती है जो अपनी सीमाओं के साथ भिन्न भिन्न वातावरण के परिणामस्वरूप बनती है। बृहस्पति के विश्मयकारी 'महान लाल धब्बा' (Great Red Spot), जो कि एक विशाल तूफ़ान है, के अस्तित्व को १७ वीं सदी के बाद तब से ही जान लिया गया था जब इसे पहली बार दूरबीन से देखा गया था। यह ग्रह एक शक्तिशाली चुम्बकीय क्षेत्र और एक धुंधले ग्रहीय वलय प्रणाली से घिरा हुआ है। बृहस्पति के कम से कम ७९(२०१८ तक) चन्द्रमाहै। इनमें वो चार सबसे बड़े चन्द्रमा भी शामिल है जिसे गेलीलियन चन्द्रमा कहा जाता है जिसे सन् १६१० में पहली बार गैलीलियो गैलिली द्वारा खोजा गया था। गैनिमीड सबसे बड़ा चन्द्रमा है जिसका व्यास बुध ग्रह से भी ज्यादा है। यहाँ चन्द्रमा का तात्पर्य उपग्रह से है।
बृहस्पति का अनेक अवसरों पर रोबोटिक अंतरिक्ष यान द्वारा, विशेष रूप से पहले पायोनियर और वॉयजर मिशन के दौरान और बाद में गैलिलियो यान के द्वारा, अन्वेषण किया जाता रहा है। फरवरी २००७ में न्यू होराएज़न्ज़ प्लूटो सहित बृहस्पति की यात्रा करने वाला अंतिम अंतरिक्ष यान था। इस यान की गति बृहस्पति के गुरुत्वाकर्षण का इस्तेमाल कर बढाई गई थी। इस बाहरी ग्रहीय प्रणाली के भविष्य के अन्वेषण के लिए संभवतः अगला लक्ष्य यूरोपा चंद्रमा पर बर्फ से ढके हुए तरल सागर शामिल हैं। इसके उपग्रहों की संख्या 67 है
- सौरमण्डल में बृहस्पति का सूर्य से दूरी बढने के अनुसार क्रम - 5
- बृहस्पति द्वारा सूर्य की परिक्रमा पूर्ण करने में लगने वाला समय - 12 वर्ष
- बृहस्पति का औसत घनत्व - 1.33 g/cm3
- बृहस्पति द्वारा अपनी धूरी पर घूमने में लगने वाला समय - 9 घन्टे 56 मिनट
- बृहस्पति के उपग्रहो की सँख्या – 64 ज्ञात ( गैरीसमेड इसका उपग्रह हमारे सौरमण्डल का सबसे बड़ा उपग्रह है )
- बृहस्पति की सूर्य से दूरी - करीब 77.8 करोड़ कि0मी0
- बृहस्पति की त्रिज्या - 69,911 कि0मी0
- बृहस्पति आकार में कौन-सा बड़ा ग्रह है - 1 (सबसे बड़ा ग्रह )
- बृहस्पति पर एक दिन कितने घन्टे/ दिन का होता है - 9 घन्टे 56 मिनट
- बृहस्पति का अपनी धूरी पर झुकाव - 3.13 डिग्री
- बृहस्पति की सतह का औसत तापमान - करीब ( -150 C0 )
- बृहस्पति का गुरुत्वबल - 24.11 m/s2
बृहस्पति ग्रह के बारे में रोचक तथ्य -
- रोमन सभ्यता के देवता जुपिटर के नाम पर बृहस्पति ग्रह नाम रखा गया है
- बृहस्पति ग्रह को शनि, अरूण और वरूण के साथ बाहरी ग्रहों के रूप में जाना जाता है।
- बृहस्पति पर एक विशाल लाल धब्बा या ग्रेट रेड स्पोट (Great Red Spot) है। यह पृथ्वी से भी बड़ा चक्रवाती तूफ़ान है, । यह यह इतना बड़ा है कि इसमे तीन पृथ्वियां समा जाए
- बृहस्पति को सौरमंडल का वेक्यूम क्लीनर कहा जाता है
- बृहस्पति को शनि, अरुण और वरुण के साथ एक गैस दानव के रूप में जाना जाता है
- ब्रहस्पति ग्रह की कोई जमीन नहीं है, यहां केवल गैस हैं
जुपिटर ग्रह (Jupiter Planet) का आकार इनका बडा है कि इसमें 1300 पृथ्वी के समान के ग्रह समा सकते हैं
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